हल्द्वानी। नाबालिग संग दुष्कर्म के आरोपी ठेकेदार उस्मान अली की जमानत याचिका पाक्सो न्यायालय ने खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश पाक्सो सुधीर तोमर की अदालत में जमानत को लेकर सुनवाई हुई थी। बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया। गिरफ्तारी के बाद से आरोपित हल्द्वानी जेल में बंद है।
नैनीताल में नाबालिग संग दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद 30 अप्रैल की रात बड़ी संख्या में लोग मल्लीताल कोतवाली के पास एकजुट हो गए थे। कार्रवाई की मांग को लेकर उग्र हुई भीड़ ने कई दुकानों में भी तोड़फोड़ कर दी थी। इसके बाद न्याय की मांग को लेकर नैनीताल से हल्द्वानी तक प्रदर्शनों का दौर देखने को मिला।
दूसरी तरफ पुलिस ने ठेकेदार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था। नैनीताल में बवाल बढ़ता देख कमिश्नर व अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंच आक्रोशित लोगों से वार्ता कर उन्हें किसी तरह शांत कराया। वहीं, आरोपित की ओर से 14 मई को पाक्सो कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की गई थी। 17 मई को न्यायालय ने पुलिस को मामले से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद जमानत को लेकर बहस हुई। बचाव पक्ष की ओर से देरी से प्राथमिकी दर्ज होने और जन दबाव में उस्मान को आरोपित बनाने जैसी दलीलें दी गई।
जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) हेमा सुयाल ने जमानत का विरोध किया। जमानत मिलने पर साक्ष्यों के प्रभावित होने की आशंका समेत अन्य तर्क दिए।मामले की विवेचना जारी होने के साथ ही इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की परीक्षण के बाद रिपोर्ट आने का हवाला भी दिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपित की जमानत याचिका को खारिज कर दिया