डिजिटल अरेस्टिंग का डर दिखाकर लाखों रूपए ऐंठे

देहरादून। साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। इस बार एक मामले में साइबर ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर एक निजी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्टिंग का डर दिखा कर लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर डाली। ठगी का अहसास होने पर  महिला प्रोफेसर ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने महिला प्रोफेसर की शिकायत के आधार पर साइबर पुलिस थाने में जांच होने के बाद इस मामले में थाना कैंट में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

एक महिला प्रोफेसर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि जनवरी 2025 में पीड़िता के पास एक कॉल आई और फोनकर्ता ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और अपना कार्ड भी दिखाया। फोनकर्ता ने पीड़िता को कहा कि उनके आधार कार्ड का संदिग्ध गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है। साथ ही इससे कई सिम कार्ड खरीदे गए हैं और इनका भी गलत कामों में इस्तेमाल हो रहा है। यह सब सुनकर पीड़िता ने इसे धोखाधड़ी मानते हुए फोन काट दिया। लेकिन पीड़िता को बार-बार फोन किया गया। उसके बाद एक महिला ने पीड़िता को वीडियो कॉल किया और पीड़िता का आधार कार्ड और उनके नाम का एक नोटिस भी दिखाया गया। यह सब देखकर पीड़िता घबरा गई।

महिला ने पुलिस को बताया कि ठगों ने उससे कहा कि उनका नाम एक बड़े घोटाले में जुड़ रहा है। जिसके बाद पीड़िता को कुछ घंटों तक डिजिटल अरेस्ट किया गया और लगातार तीन महीने तक पीड़ित को वीडियो कॉल करते हुए तमाम तरह की पूछताछ की गई। उसके बाद पीड़िता से कुछ रकम मांगी गई। जिसमें कुल सात किश्तों में 18 लाख 11 हजार रुपए पीड़िता ने ट्रांसफर कर दिए और पीड़िता को कहा गया कि केस खत्म होने के बाद रकम वापस मिल जाएगी। उसके बाद जब पीड़िता ने फोन किया तो किसी से संपर्क नहीं हो पाया। इस मामले में  थाना कैंट प्रभारी कैलाश चंद्र ने बताया कि महिला प्रोफेसर की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करपुलिस मामले की जांच में जुट गई है।साथ ही पुलिस द्वारा जिन खातों में धनराशि ट्रांसफर हुई है उन खातों की जानकारी जुटाई जा र

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