प्रदेश के किसानों, युवाओं और उद्यमियों को मछली पालन की दिशा में जागरूक एवं प्रेरित किए जाने की आवश्यकता: राज्यपाल

देहरादून। शनिवार को राजभवन नैनीताल में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से केंद्रीय शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, भीमताल के निदेशक अमित पाण्डे एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर. एस. पतियाल ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने राज्यपाल को संस्थान के अनुसंधान, विकास एवं कार्यकलापों की विस्तृत जानकारी दी।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की जलवायु और प्राकृतिक संसाधन शीतजल मत्स्य पालन, विशेषकर ट्राउट फार्मिंग के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों, युवाओं और उद्यमियों को इस दिशा में जागरूक एवं प्रेरित किए जाने की आवश्यकता है ताकि वे मछली पालन को स्वरोजगार और आर्थिकी सशक्तीकरण का माध्यम बना सकें।

राज्यपाल ने संस्थान को निर्देशित किया कि अक्टूबर माह में एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया जाए, जिसमें वैज्ञानिकों, किसानों, उद्यमियों और मत्स्य पालन से जुड़े विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाए। इस आयोजन के माध्यम से ट्राउट पालन की तकनीकों, लाभों और संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया जा सकेगा तथा अधिक से अधिक लोगों को इस व्यवसाय से जोड़ने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि ट्राउट मछली सुपरफूड की श्रेणी में आती है, साथ ही इसका बाजार मूल्य भी अधिक होता है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है।

इस दौरान निदेशक श्री अमित पाण्डे ने राज्यपाल को अवगत कराया कि संस्थान देश के पर्वतीय राज्यों में शीतजल मात्स्यिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास कार्यों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने संस्थान के विस्तार एवं क्षेत्रीय गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण हेतु अवस्थापना विकास के लिए भूमि की आवश्यकता का भी अनुरोध किया, जिस पर राज्यपाल ने यथोचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

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